भारतीय रेल दुनिया की सबसे बड़ी यातायात व्यवस्था है साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी। यह भारत के सबसे बड़े रोजगार प्रदाताओं में भी गिनी जाती है। लिहाजा देश के सुदूर इलाकों में रेलवे की पहुंच आसान करने के लिए कई कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे में रेलवे में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए रेलवे, रेल ट्रांसपोर्ट एंड मैनेजमेंट पाठ्यक्रम काफी पहले से चलाता आ रहा है। यह डिप्लोमा पाठ्यक्रम है और इसकी अवधि एक साल की है। इस पाठ्यक्रम में नामांकन की सूचना अप्रैल और मई महीने में प्रकाशित की जाती है।
इस पाठ्यक्रम में नामांकन के इच्छुक अभ्यर्थी के लिए मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक उत्तीर्ण होना आवश्यक है। पाठ्यक्रम पत्राचार माध्यम से कराया जाता है। परीक्षा से दो महीने पहले क्लासेज की व्यवस्था की जाती है। इस पाठ्यक्रम के नामांकन फीस सात सौ रुपए है। पाठ्यक्रम की शुरुआत अगस्त-सितम्बर माह से होती है।
इस पाठ्यक्रम के ग्यारह पेपर होते हैं, जिनमें ट्रांसपोर्ट इकोनोमिक्स, मैनेजमेंट कॉन्सेप्ट्स, पर्सनल मैनेजमेंट, मेटेरियल मैनेजमेंट, एकाउंटिग एंड फाइनेंशियल मैनेजमेंट, ऑपरेटिंग मैनेजमेंट, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और सिग्नल एंड टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग हैं। इन सभी पेपरों में उत्तीर्ण होने के लिए कुल 40 प्रतिशत और प्रत्येक पेपर में 35 फीसदी अंक लाना अनिवार्य है। यह पाठ्यक्रम हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही माध्यमों में उपलब्ध है। लेकिन इसकी परीक्षा दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, सिकन्दराबाद और लखनऊ में ही आयोजित की जाती है। परीक्षा में उत्तीर्ण तीन उम्मीदवारों को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक से नवाजा जाता है।
भारतीय रेलवे की किसी भी शाखा में ट्रांसपोर्ट डिप्लोमाधारी अभ्यर्थी को प्राथमिकता दी जाती है। लेकिन असिस्टेंट स्टेशन मास्टर, आसिस्टेंट ड्राइवर, गार्ड, ट्रैफिक कंट्रोलर, सिग्नल मेंटेनर, ट्रैफिक-कामर्शियल अप्रैंटिस के पदों का नियुक्ति के दौरान इस डिप्लोमाधारी अभ्यर्थी को विशेष प्राथमिकता दी जाती है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए इस पते पर संपर्क करें…
इंस्टीट्यूट ऑफ रेल ट्रांसपोर्ट, कमरा संख्या:- 17 ए, रेल भवन, रायसीना रोड़, नई दिल्ली- 110 001।
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